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Showing posts from September, 2024

पेट्रोल- डीजल के दाम नीचे लाओ, टोल- टेक्स बढ़ाने से बाज आओ: डा. गिरीश

    पेट्रोल- डीजल के दाम नीचे लाओ, टोल- टेक्स बढ़ाने से बाज आओ: डा. गिरीश    भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डा.गिरीश ने कच्चे तेल के दामों में भारी कमी के बावजूद पेट्रोल- डीजल की कीमतों को कम न करने और फिर से टोल टेक्स बढ़ाने की सरकार की योजना को महंगाई बढ़ाने वाला विकास विरोधी कदम बताते हुये निम्न प्रेस नोट जारी किया है-    लखनऊ- 28 सितंबर 2024,  कच्चे तेल के दामों में उल्लेखनीय कमी होने के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी न करना और पहले से ही ऊंचे टोल टेक्स को फिर से बढ़ाने का इरादा आम और मेहनतकश जनता को आर्थिक रूपसे जर्जर तो बना ही रहे हैं ये विकास विरोधी और महंगाई बढ़ाने वाले भी हैं।  आम जनता, मेहनतकश समुदाय और सभी शोषित वंचितों के हितों की पहरेदार होने के नाते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी केंद्र सरकार से मांग करती है कि वह पेट्रोल-- डीजल के दामों में तत्काल पर्याप्त कमी लाये और फिर से टोल- टेक्स बढ़ाने की योजना को रद्द करे। वरना महंगाई और बढ़ेगी, विकास दर में कमी आएगी तथा बहुसंख्य जनता के जीवन- स्तर में भारी गिरावट आएगी।  एक सर्वे एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इन दिनों कच्चे

फेकना रेलवे स्टेशन पर गाडिय़ों को रोकने के लिए क्षेत्रीय संघर्ष समिति पिछले एक महीने से आन्दोलन पर

  बलिया के फेफना रेलवे स्टेशन पर क्षेत्रीय संघर्ष समिति पिछले एक महीने से अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और रेलवे प्रशासन को अपनी मांग को रखी है जिसमें लाखों लोगों के फायदा लिए संघर्ष समिति के साथ आम जनता भी बैठी है  संपादक  संतोष प्रताप सिंह 

भारतीय दर्शन के वैश्विक व्याख्याता और भारत की आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के पथ प्रदर्शक थे राधाकृष्णन--

 भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, द्वितीय राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद और महान दार्शनिक सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस की पूर्वसंध्या पर देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। भारतीय दर्शन के वैश्विक व्याख्याता और भारत की आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के पथ प्रदर्शक थे राधाकृष्णन--    भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन मूलतःउच्चकोटि के दार्शनिक थे जो दर्शन की आदर्शवादी परम्परा से ओतप्रोत थे तथा अद्वैत वेदांत के प्रतिपादक शंकराचार्य से गहरे रूप से प्रभावित थे। राधाकृष्णन शास्त्रीय दृष्टि से सामाजिक और राजनीतिक सिद्धांतकार, विचारक और विश्लेषक नहीं थे परन्तु सोवियत संघ के राजनयिक,प्रथम उपराष्ट्रपति और कालांतर में राष्ट्रपति जैसे कूटनीतिक और राजनीतिक उत्तरदायित्वों को बडी कुशलता और सुघडता के साथ सम्पादित किया। अपने राजनीतिक निर्णयों से देश को सशक्त बनाने की दिशा में योगदान देने के साथ-साथ स्वस्थ्य संवैधानिक संस्थाओं परम्पराओं और लोकतंत्र को मजबूत करने का प्रयास किया। एक राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल मील का पत्थर साबित हुआ क्योंकि-उनके कार्यकाल मे