रसोई गैस के दामों में बढ़ोत्तरी निंदनीय।
फौरन वापस लो: डा. गिरीश
भारतीय कम्युनिस्टपार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डा. गिरीश ने रसोई गैस सिलेंडर के दामों में आज से 50 रु0 की एक और बढ़ोतरी किए जाने की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा की है। यह वृध्दि महंगाई की मार से पहले ही बहुत पीड़ित जनता पर एक और करारा हमला है। हिंदुत्व के स्वयंभू प्रबर्तकों ने हिंदुओं के होली जैसे सर्वाधिक मनाये जाने वाले त्यौहार पर उन्हें गैस में कीमत बढ़ोत्तरी का तोहफा दिया है।
इस बढ़ोतरी के बाद, और ज्यादा लोगों के हाथ से सब्सिडी वाले रसोई गैस के सिलेंडर का उपयोग छूट जाएगा क्योंकि इसका दाम चुकाना उनके बूते से बाहर हो गया है। पहले ही यह नौबत आ चुकी है कि पिछले साल, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों में से 10 फीसद से ज्यादा ने, एक बार भी सिलेंडर नहीं भरवाया था, जबकि करीब 12 फीसद ने सिर्फ एक बार फिर से सिलेंडर भरवाया था। कुल 56.5 फीसद ने 4 या उससे भी कम बार सिलेंडर फिर से भरवाया था, जोकि न्यूनतम जरूरत पूरी करने के लिए जरूरी है, जबकि रसोई गैस के उपभोग का राष्ट्रीय औसत 7 सिलेंडर का है और 12 सिलेंडर प्रतिवर्ष लेने का हक लोगों को है।
कॉमर्शियल उपयोग के रसोई गैस सिलेंडर के दाम में इस साल दूसरी बार बढ़ोतरी की गयी है। 350 रु0 50 पैसे की बढ़ोतरी के साथ, अब दिल्ली में इस सिलेंडर की कीमत 1769 रु0 से बढक़र 2119 रु0 50 पैसा हो जाएगी। इससे तमाम तैयार खानों की लागत बढ़ जाएगी और इससे महंगाई में और इजाफा होगा।
कीमतों में यह क्रूर बढ़ोतरी देश में बेरोजगारी, गरीबी और मुद्रास्फीति के बढ़ते जाने की पृष्ठïभूमि में की गयी है। भाकपा मांग करती है कि इन बढ़ोतरियों को फौरन वापस लिया जाए।
डा. गिरीश
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