Skip to main content

हम लडेंगे हर सुनहरे सपनों के लिए* ......

 *हम लडेंगे हर सुनहरे सपनों के लिए* ......



************************************


हम लडेंगे हर उदास,ऊचाॅट ,मनहूस और मुर्दापरस्त मौसम के खिलाफ,

अपने हसीन रंगीन  ख़्वाबों, ख़्वाहिशों, और हर सुनहरे सपनों के लिए। 

हम लडेंगे हर काले, घने, गहरे, घुप्प गर्दो-गुबार से सने हर अंधेरे के खिलाफ,

एक-एक कतरे उजालों और अपनी सूरमयी, सुहावनी और  सिन्दूरी सुबहों के लिए। 

हम लडेंगे हर नफरती, बदबूॅदार , जहरीली और बाजारू हवाओं के खिलाफ,

अपनी चकहती , महकती पुरवैया और अपनी अल्हड़  बंसती बयारो के लिए।

हम लडेंगे अपनी हर बदनसीबीं, बदकिस्मती ,बर्बांदी और  बदहाली के खिलाफ,

अपनी मुक्कम्ल बहबूदी, बुलंदी, बेहतरी और अपने बगीचे की मदमस्त बहारों के लिए।

हम लडेंगे नाजुक इंसानी रिश्तों को लहू-लुहान करने वाली तलवारो , खंजर और कटारों के खिलाफ,

अपनी आपसदारी की रवायतों और प्यार मुहब्बत के रश्मो-रिवाजों के लिए। 

हम लडेंगे लाल मखमली कालीनों , गूंगी-बहरी सत्ता के नशे में चूर चौखटो के खिलाफ ,

आखिरी कतार में खड़े बेवस, लाचार आदमी की चिखो-चीत्कारों की गरजती  इंकबाली गूंजो के लिए। 


*मनोज कुमार सिंह प्रवक्ता* 

*बापू स्मारक इंटर काॅलेज दरगाह मऊ*।

Comments

Popular posts from this blog

भारत में बिखरता सत्ता समंवय ! इस बहस को मजबूत करने के लिये मेरा समर्थन संतोष प्रताप सिंह लोक सभा बलिया के भावी उम्मीदवार

 बहस तलब मुद्दा।  भारत में बिखरता सत्ता समंवय ! 1947 में आजादी मिलने के बाद  संविधान सभा में विचार विमर्श और विद्वतापूर्ण बहसों के बाद भारत के लगभग सभी विचारधाराओं के लोगों ने संविधान को सर्वसहमति से स्वीकार किया था। यानी नवजात भारतीय राष्ट्र राज्य के शासक वर्ग को उस समय‌ सर्वभौम संघात्मक गणतांत्रिक भारत की संरचना ही सबसे ज्यादा उपयुक्त लगी थी।   इसको दो उदाहरण से देखा जा सकता है।   एक- डॉक्टर अंबेडकर की सोच थी कि भारतीय समाज के लोकतांत्रिक रूपांतरण केलिए वर्ण व्यवस्था यानी जाति का विनाश पहली शर्त है। नहीं तो लोकतंत्र को टिकाए  नहीं रखा जा सकता।इस समझ से अधिकांश संविधान सभा के सदस्य अपनी वर्ण वादी सोच के कारण सहमत नहीं थे।इसके बाद भी डॉक्टर अंबेडकर को ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष चुना गया।   दूसरा- दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता  वर्ण व्यवस्था समर्थक बाबू राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष बनाया गया। साथ ही श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे हिंदू महासभा के नेता और  मौलाना हसरत मोहानी सहित कई घोषित कम्युनिस्ट और सोसलिस्ट भी संविधान सभा ...

आधुनिक भारत में लोकतंत्र के संस्थापक एवं पथ प्रदर्शक थे नेहरू ‐- संतोष प्रताप सिंह लोक सभा बलिया के भावी उम्मीदवार ने किया समर्थन

 27 मई 1964 - पुण्य स्मृति  आधुनिक भारत में लोकतंत्र के संस्थापक एवं पथ प्रदर्शक थे नेहरू ‐-    मनोविज्ञान और मनोविश्लेषण की भाषा में जवाहरलाल नेहरू पूर्णतः अपने पिता के पुत्र थे, जबकि- गांधी जी अपनी माता की संतान थे। जवाहर लाल नेहरू ने अपने पिता मोतीलाल नेहरू से स्वतंत्रता, साहस की भावना, जोखिम उठाने की क्षमता, दृढ़ इच्छाशक्ति, अविचल संकल्प और अभिजात्य संस्कार विरासत में पाया था। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त करने गए जवाहरलाल नेहरू ने लगभग सात वर्ष इंग्लैड में व्यतीत किया। इस दौरान वह ब्रिटेन में प्रचलित मानववादी उदारवाद की परम्पराओं की तरफ आकर्षित हुए और इन परम्पराओं को हृदयंगम कर लिया। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के सुविख्यात शिक्षक और सुप्रसिद्ध राजनीतिक विचारक हेराल्ड लाॅस्की के प्रिय शिष्यों में रहे जवाहरलाल नेहरू जार्ज बर्नार्ड शॉ और बर्ट्रेण्ड रसल के विचारों से बहुत प्रभावित थे। विश्व, ब्रहमांड और समाज को समझने- परखने में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने वाले जवाहरलाल नेहरू जैसे-जैसे भारतीय स्वाधीनता संग्राम में मुखर होते गए वैसे- वैसे उनकी स्वतंत्रता...

यूनीफाईड पेंशन स्कीम धोखा है-

 यूनीफाईड पेंशन स्कीम धोखा है-  भावी विधानसभा चुनावों में लाभ उठाने के उद्देश्य से मामा मारीच की तरह नकली स्वर्ण मृग गड़ा है सरकार ने।  कर्मचारी मांग रहे थे ओल्ड पेंशन, सरकार ने थमा दी यूपीएस                                                                                        डा. गिरीश  पुरानी पेंशन की समाप्ति के बाद से ही उसकी बहाली को लेकर देश के सरकारी कर्मचारी आंदोलनरत रहे हैं। लेकिन अचानक शनिवार को मोदी सरकार पुरानी पेंशन का एक और नया रूप लेकर सामने आ गयी। लोकसभा चुनावों में भाजपा को लगे तगड़े झटके के बाद से मोदी सरकार और भाजपा अपने पुराने अड़ियल चेहरे को डेंट पेंट करने में जुटी है। हाल में वक्फ बिल को जेपीसी में भेजा जाना और अधिकारियों की सीधी भर्ती के कदम को पीछे खींचना इसके ज्वलन्त उदाहरण हैं। सच तो यह है कि कई राज्यों में होने जारहे विधान सभा ...