त्रिपुरा के चुनाव नतीजे, प्रारंभिक आकलन और उद्गार
भाजपा, संघ गिरोह और सरकारमय मीडिया बड़ी ही धूर्तता और धृष्टता के साथ जनता की आंखों में धूल झौंक कर उनके दिमागों में यह बैठाने में जुटे हैं कि त्रिपुरा में भाजपा की बड़ी जीत हुयी है। वे इस तथ्य को झुठलाने पर उतारू हैं कि तमाम दबावों और कुहासों का वीरता से सामना करते हुए असंख्य मतदाताओं ने भाजपा को ठुकराकर वाम मोर्चा और विपक्ष के उम्मीदवारों को वोट दिया है।
मैं ऐसे बहादुर और विवेकशील मतदाताओं का अभिनन्दन करता हूं।
अंतिम नतीजे आने के बाद सामने आया है कि भाजपायी गठबंधन 60 विधायकों की त्रिपुरा विधानसभा में सामान्य बहुमत प्राप्त कर सका है, जबकि 2018 में हुए पिछले आम चुनाव में उसे 44 सीटें मिली थीं।
और यह सामान्य बहुमत भी अभूतपूर्व पैमाने पर पैसा बहाने, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने, विपक्ष के चुनाव अभियान को बाधित करने और अन्य गड़बडिय़ों के बाद हासिल किया गया है।
अतएव हम उन सभी लोगों का अभिनंदन करते हैं, जिन्होंने भाजपा को ठुकराकर, वाम मोर्चा और विपक्षी उम्मीदवारों के लिए वोट दिया है।
भाकपा और वाम मोर्चा के हजारों नेता व कार्यकर्ता भी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में अपने खिलाफ छेड़े गए दमन का सामना करते हुए, हिम्मत के साथ आगे बढक़र चुनाव अभियान चलाया है और उस जनता के बीच गए हैं, जिससे मिलने से लंबे अर्से से उन्हें रोका जा रहा था।
ठीक है, बेहद विपरीत हालातों में आज हम यहां तक पहुंचे हैं, आगे और नयी प्रतिबद्घता तथा ऊर्जा के साथ, जनता के हितों की रक्षा करने के लिए काम करेंगे।
भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकारों के चहुँतरफा हमलों से लहूलुहान जनता आज आशा भरी नजरों से हमारी तरफ देख रही है, हम कम्युनिस्ट उसकी आकांक्षाओं पर खरा उतरने का हर संभव प्रयास करेंगे।
डा. गिरीश,
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
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