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Communist Party of India ( CPI ) has announced five LOKESABHA Candidate's name in Utrar Pradesh

 भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल


22, केसरबाग, लखनऊ- 226001


दिनांक- 28 मार्च, 2024


प्रैस नोट  : 


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान राज्यों के केन्द्रीय प्रभारी डा॰ गिरीश एवं भाकपा उत्तर प्रदेश के सचिव का॰ अरविन्द राज स्वरूप ने  निम्न लिखित बयान आज पार्टी के राज्य कार्यालय, लखनऊ पर संपन्न प्रेस वार्ता में जारी किया है। प्रेस वार्ता में लोकतान्त्रिक जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जुबेर अहमद एवं भाकपा के राज्य नेत्रत्व के अनेक साथी मौजूद थे।


लखनऊ- 28 मार्च 2024, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल अपने आंदोलनों और अभियानों में उजागर करती रही है कि भाजपा के 9 वर्षों के शासनकाल में देश के किसानों, मजदूरों, नौजवानों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों और आम आदमी की दिक्कतों में भयावह इजाफा हुआ है। अवाम की ज्वलंत समस्याओं से निपटने में सरकार पूरी तरह असाफल रही है।


किसानों को उनकी फसलों का समर्थन मूल्य सरकार द्वारा वायदा करने के बावजूद नहीं दिया जा रहा, जबकि उनकी जरूरत की चीजें बेहद महंगी हो चुकी हैं। निरंतर घाटे में जा रहे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं या फिर आंदोलन करने को। उनके आंदोलनों को भी पुलिस- प्रशासन के बल पर कुचला जा रहा है। मजदूर वर्ग के लंबे संघर्ष द्वारा हासिल किए गए कानूनी अधिकार लगभग समाप्त कर दिये गए हैं और वे ठेकेदारी प्रथा के तहत अल्प वेतन पर अधिक समय काम करने को अभिशप्त हैं।


बेरोजगार नौजवानों से 2 करोड़ रोजगार देने के वायदे से ये सरकार मुकर गई और आज करोड़ों नौजवान दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। पर्चा लीक व अन्य कारणों से प्रतियोगी परीक्षाएँ रद्द कर दी जाती हैं और नौजवान गहरे आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न का दंश झेलते हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण से ये आम छात्रों और आमजनों के लिए दुर्लभ होती जा रही है।


गरीबी अमीरी की खाई निरंतर चौड़ी हो रही है। एजेंसियों के आंकड़ों के अनुसार देश की 40 प्रतिशत संपत्तियों पर 1 प्रतिशत लोगों का कब्जा है। गरीबी की इस भयावह स्थिति को सरकार भी कबूल करती है और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने के दाबे करती रहती है। जीवन से जुड़े अन्य सूचकांकों पर भी देश अंतरराष्ट्रीय मानकों में पिछड़ रहा है। विकास कार्यों में भारी भ्रष्टाचार है। महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है।


दलितों महिलाओं और अल्पसंख्यकों का जिस तरह उत्पीड़न देखने को मिल रहा है ऐसा पहले कभी नहीं दिखा। उत्तर प्रदेश को ही लें होली के त्यौहार पर ही दर्जनों महिलाओं का शारीरिक मानसिक उत्पीड़न हुआ और कमजोर तबके दबंगों के हमलों के शिकार हुये हैं। हत्याओं की मानो बाढ़ सी आ गयी। कानून व्यवस्था चरमराई हुयी है और कुख्यात बुलडोजर अब आम लोगों को ही निशाना बना रहा है।


अपनी तमाम असफलताओं से डरी सरकार लोकतन्त्र को कुचलते हुये विपक्ष को तहस नहस करने पर आमादा है। तमाम विपक्षी नेताओं और उनके परिवारों को ईडी, सीबीआई, आईटी आदि की कार्यवाहियों से जेलों में डाला जारहा है। अनेक असली भ्रष्टाचारी भाजपा में प्रवेश कर रहे हैं और सत्ता का सुख भोगते हुये निर्भय बने हुये हैं। संविधान और लोकतन्त्र को खत्म करने की साजिश है। विभाजन पैदा करने को हर हथकंडा प्रयोग किया जा रहा है। CAA उनमें से एक है।


बावजूद इन हथकंडों के भाजपा का आत्मविश्वास डिगा हुआ है। देश हित में और जनहित में भाजपा को हराया जाना बहुत्त जरूरी हो गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी  "भाजपा हराओ देश बचाओ" के नारे के साथ वामपंथी दलों के साथ मिल कर लगातार संघर्षरत है। वह इंडिया गठबंधन का हिस्सा है और पूरे देश में भाजपा को हराने का काम करेगी'।


उत्तर प्रदेश में भी हम मिल कर लड़ने की प्रबल इच्छा रखते थे, लेकिन कुछ दलों ने संकीर्णता का परिचय देते हुये लोकसभा सीटों का बंदर बांट कर लिया। हाल में इलैक्शन बांड भुनाने के हुये खुलासों से यह स्पष्ट तो हो ही गया है कि सभी पूंजीवादी दल कारपोरेट घरानों और माफियाओं से बड़े पैमाने पर रक़में लेते हैं। लेकिन वामपंथी दल देश की मेहनतकश जनता के हित में संघर्ष करते हैं और उन्हीं के सहयोग से चुनाव लड़ते हैं। अतएव कारपोरेट घरानों और धनमाफिया उंसके प्रति असहिष्णुता का भाव रखते हैं। लगता है उन्हीं को तुष्ट करने को वामपंथ को अलग थलग किया जारहा है।


अपने जनाधार को संबोधित करने और भाजपा की जनविरोधी नीतियों को उजागर करते हुये उसे परास्त करने तथा लोकसभा में भाकपा का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कुछ चुनींदा लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है। जिनमें से कुछ पर प्रत्याशियों की घोषणा आज की जा रही है।  वे हैं-


1-  27, शाहजहांपुर (अ॰ जा॰) कामरेड सुरेश कुमार 'नेताजी'


2-  54, फैजाबाद- कामरेड अरविंद सेन यादव ( पूर्व आईपीएस )


3-  68, लाल गंज ( अ॰ जा॰ )- कामरेड गंगा दीन


4-  70, घोसी- का॰ विनोद राय


5-  80 राबर्ट्सगंज (अ॰ जा॰)- कामरेड अशोक कुमार कनौजिया


विधानसभा के उपचुनाव-


1-  403- दुद्धी ( अ॰ जा॰ )- कामरेड दिनेश कुमार गोंड


नोट-का॰ अरविन्द सेन यादव ने सेवा निव्रत्ति के बाद भाकपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।

शेष कुछ सीटों की घोषणा बाद में की जायेगी।


जारी द्वारा-

डा॰ गिरीश, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य-अरविन्द राज स्वरूप राज्य सचिव


 


 


 

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