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Showing posts from March, 2023

भगवान राम का जन्म दिन को रामनवमी कहा जाता है बताया सतोष प्रताप सिंह ने बलिया टाईम्स से

 पुरे देश में रामनवमी मनाई गई हिन्दू सनातन धर्म में रामनवमी का विशेष रूप से महत्व है भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में चैत्र मास की नवरात्री में हुआ था जिसे नवमी और रामनवमी के नाम से जाना जाता है,  संतोष प्रताप सिंह ने बलिया नवरात्री में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की साथ ही भगवान  श्रीराम का जन्म दिन पर राम भक्ति भी किया  राम राज ही समाजवाद को परिभाषित करता है अपने चौदह वर्षों के वनवास में श्री राम ने जन जंगल जमीन पहाड़ नदी समुद्र आदिवासी और वनवासी को साथ में जोड़ कर माता सीता की तलाश किया था 

BHRIGU BABA TEMPLE BALLIA AND FOLLOWER SANTOSH PRATAP SINGH SAMAJWADI PARTY LEADER

 Santosh pratap Singh from sahatwar BALLIA and LOKESABHA candidate from ballia lokesabha seat is very keen to visit the temple of the Bhrigu Mandir ballia the historical context and history of the ballia Uttar Pradesh. The place of Bhrigu RISHI which has the respect of the Indian Hindu sanatan dharma who had examine between all God about who has supremo power to control the world.

The Islam says God is one without any face , shape and picture

 Allah bless every one without any pictures of the God but he exist in the world says Santosh pratap Singh from sahatwar BALLIA Samajwadi party leader 

हिन्दू सनातन धर्म में मूर्ति पूजा होता है जिसमें सभी देवताओं तथा देवियों को एक विशेष रूप रेखा में दिखाया गया है

हिन्दू सनातन धर्म में मूर्ति पूजा होता है जिसमें सभी देवताओं तथा देवियों को एक विशेष रूप रेखा में दिखाया गया है यहाँ तक की देवी दुर्गा के भी नौ अलग-अलग रूप  है संतोष प्रताप सिंह लोक सभा बलिया के भावी उम्मीदवार ने  बलिया मे किया माता दुर्गा की नवरात्री में पूजा 

Why people of India looking for Santosh pratap Singh from sahatwar BALLIA as BAGI

 A question arise why people of India looking for Santosh pratap Singh from sahatwar BALLIA in lokesabha is an important news head lines of many channels 

शहीद -ए-आजम की शहादत दिवस

  शहीद -ए-आजम की शहादत दिवस ---------------------------------------------               आज शहीद -ए-आजम भगतसिंह की शहादत दिवस है। भगतसिंह की शहादत ,ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भारत का मुक्ति संग्राम के क्रांतिकारी विरासत की ऐतिहासिक धरोहर है जो सदियों तक नौजवानों को अन्याय,दमन और शोषण के खिलाफ खड़ा होने के लिए उत्प्रेरित करता रहेगा। ऐतिहासिक धरोहर की मर्यादा बरकरार रखने व उसे संरक्षित करने की बृहद जिम्मेदारी हमारे उपर है। इसलिए शहादत दिवस हमारे लिए गौरव का दिन है।भगतसिंह की शहादत दुनिया के इतिहास में अन्याय और शोषण के खिलाफ हंसते - हंसते फाॅंसी के फंदे को चूमने का तनहा नज़ीर है । शोषण पर आधारित जिस समाज व्यवस्था को बदलने के वास्ते उन्होंने इंकलाब की आवाज को नैतिक ताकत दिया, क्या उस व्यवस्था से समकालीन समाज मुक्त हो चुका है?यह बहस का विषय है। भगतसिंह ने अपने दौर के नौजवानों को रूढ़ि, अंधविश्वास और अवैज्ञानिक हालात से उबार कर बुद्धिवाद की ओर मोड़ने का काम किया है।उनका दर्शन युवाओं और नागरिकों के बीच नई चेतना का प्रतीक बना हुआ है।              1857 के विद्रोह से ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिल गयी

समाजवादी पार्टी के लोक सभा बलिया के भावी उम्मीदवार संतोष प्रताप सिंह ने बलिया में दिया श्रद्धांजलि

 समाजवादी पार्टी के लोक सभा बलिया के भावी उम्मीदवार संतोष प्रताप सिंह ने बलिया में दिया श्रद्धांजलि । 23 मार्च 1931 में शहिदे आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने देश के लिए शहादत दिया था  आजादी के लिये लडो और मरो का नारा दिया था देश की जनता को जगाने के लिए,  देश की जनता सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करती  हैं 

संयुक्त किसान मोर्चा ने मनाया शहिद दिवस संतोष प्रताप सिंह ने बलिया में दिया श्रद्धांजलि

 

शहीदे आजम भगत सिंह ,सुखदेव और राजगुरु के शहीद दिवस पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित हुआ

                           हाथरस- 23 मार्च 2023, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी  के तत्वावधान में आज शहीदे आज़म भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु का बलिदान दिवस स्थानीय भगतसिंह पार्क में आयोजित किया गया जिसमें भाकपा कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त तमाम नागरिक सम्मिलित हुये। प्रारंभ में शहीदों- भगतसिंह सुखदेव राजगुरु एवं चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया। भाकपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डा. गिरीश, हाथरस नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन आशीष शर्मा, भाकपा जिला सचिव का. संजय खान, पूर्व सचिव चरन सिंह बघेल, सहसचिव का. सत्यपाल सिंह रावल, आरडी आर्या, मनोज चौधरी, हिमांशु बघेल अशोक गुप्ता, गौरव, कवि रफी आदि दर्जनों साथियों ने माल्यार्पण किया। इस अवसर पर डा. गिरीश ने कहा कि भगतसिंह एक तार्किक और विचारवान व्यक्ति थे। वे स्पष्टतः मार्क्सवाद लेनिनवाद  के सिध्दान्त को मानते थे जो कि किसान मजदूर और सभी मेहनतकश वर्गों को पूंजीवादी- सामन्ती शोषण से मुक्ति दिलाने का सिध्दान्त है। वे आजाद भारत में समाजवादी समाज के निर्माण के पक्षधर थे। उनका मानना था कि क्रान्ति का सिध्दान्त विचारों की शान पर पैना होता है। उन