7 मई- जन्मदिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं- भारतीय मेधा और साहित्य के वैश्विक प्रतिनिधि थे टैगोर- कवि, दार्शनिक, शिक्षाविद, उत्कट देशभक्त, सर्वश्रेष्ठ मानवतावादी, प्रकृतिवादी, उच्च कोटि के पर्यावरणविद तथा विश्व बंधुत्व और विश्व नागरिकता के प्रखर समर्थक रबिन्द्र नाथ टैगोर भारत की साहित्यिक , सांस्कृतिक , दार्शनिक और आध्यात्मिक आत्मा के अपने दौर के सर्वश्रेष्ठ अधिवक्ता थे। वह भारतीय मेधाशक्ति और ज्ञान-प्रज्ञा की महान परंपरा के रूप मे महाकवि कालिदास, माघ, जयदेव, सूरदास, सैयद इब्राहीम रसखान, और तुलसीदास की परम्परा के अपने समकालीन ध्वजवाहक थे। योगीराज भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी की स्वरलहरियों जैसी उनकी वाणी और लेखनी में अद्भुत सम्मोहन शक्ति थी। इकलौते रबिन्द्र नाथ टैगोर भारतीय बसुन्धरा के विरले लेखक और कवि हैं जिनके लेख सम्पूर्ण बंगाली जनमानस के हृदय में समाहित है और उनके गीत हर बंगाली मन मस्तिष्क में हमेशा तरोताजा रहते हैं। अपने दौर की सारी संकीर्णताओं और दकियानूसी ख्यालों से आगे बढ़ कर रबिन्द्र नाथ टैगोर ने वैश्विक और मानवतावादी अंतर्दृष्टि अपनाते हुए अपनी साहित्यिक सर्जनाओं और रचनाओ
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