धन-बल और बाहुबल का बढता प्रभाव और बौद्धिक वर्ग की संकुचित होती राजनीतिक भूमिका- विश्व में होने वाली विविध क्रांतिओं और समय-समय पर होने वाले सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन और सामाजिक सुधारों की सफलता में उस समाज के बौद्धिक वर्ग की अग्रणी भूमिका रही है। दुनिया में समय-समय पर होने वाले इन समस्त सामाजिक परिवर्तनों,सामाजिक सुधारों और सुप्रसिद्ध क्रांतिओ का कुशलता पूर्वक मार्गदर्शन बौद्धिक वर्ग (चिंतक, विचारक, दार्शनिक, साहित्यकार इत्यादि) द्वारा ही किया गया और बौद्धिक समुदाय द्वारा ही इन क्रातियों और विविध परिवर्तनो के लिए आवश्यक आधार-भूमि,पृष्ठभूमि और भावभूमि तैयार की गई और बौद्धिक समुदाय के विचारों के फलस्वरूप ही क्रांतिओ और परिवर्तनों के लिए अनुकूल परिस्थितियां निर्मित हुई। इसके साथ ही साथ इन समस्त सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनो,सामाजिक सुधारों और क्रांतिओ को मानसिक, मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक प्रेरणा भी बौद्धिक वर्ग के महान विचारों और संघर्षों से मिली। स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व के नारे के साथ लडी गयी फ्रांसीसी क्रांति के वैचारिक बौद्धिक और दार्शनिक प्रणेता जीन जैक्स रूसो,मांटेस्क्यू औ...