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Showing posts from April, 2023

बलिया नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर बीजेपी के उम्मीदवार मिठाई लाल कैबिनेट मंत्री दयाशंकर सिंह जी के साथ

आने वाले निकाय चुनाव में बलिया नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर बीजेपी के उम्मीदवार मिठाई लाल कैबिनेट मंत्री दयाशंकर सिंह जी के साथ मोदी के मन की बात में शामिल हुए साथ ही अपनी विजया विकास रथ को भी हरी झंडी दिखाकर विदा किया   

राजा महेन्द्र प्रताप सिंह- जीवन और संघर्ष

 आज जिनकी पुण्यतिथि है- (निधन- 29 अप्रैल 1979)  राजा महेन्द्र प्रताप सिंह- जीवन और संघर्ष   दूरद्रष्टा, यायावर विद्रोही, प्रेम भावना तथा विश्वबंधुत्व के विचार के प्रसारक और स्वाभाविक वामपंथी थे राजा महेन्द्र प्रताप सिंह।   डा॰ गिरीश  राजा महेन्द्र प्रताप जैसे महान व्यक्तित्व का मूल्यांकन करने में समाज और इतिहास दोनों ने चूक की है। इतना ही नहीं उनके धुर दक्षिणपंथी विरोधी भी वोटों की राजनीति के लिए उनका इस्तेमाल समय समय पर करने से चूकते नहीं हैं। आज उनकी पुण्यतिथि पर पसरा सन्नाटा हैरान करने वाला है। जन्मदिवस भी अधिकतर उनके सजातीय लोग और वामपंथी ही मनाते देखे जाते हैं। उन्हें साधुवाद ही दिया जाना चाहिए।  उनका जन्म 1 दिसंबर 1886 को वर्तमान हाथरस जनपद में स्थित मुरसान रियासत में हुआ था और जिन्हें हाथरस के राजा श्री हरनारायन सिंह ने 3 वर्ष की उम्र में ही गोद रख लिया था। हाथरस के मुख्य किले और उसके राजा दयाराम का पतन अंग्रेजों के हाथों 1857 में ही हो चुका था। संबन्धित छोटी छोटी कई रियासतों के उत्तराधिकारीगण हुकूमत से प्राप्त जमींदारियों से जीवनयापन कर रहे थे।  विद्रोही स्वभाव के राजा महेंद्र

उठो जागो और हुंकार भरो कि-जबतक दु:शासन दशानन जिन्दा???

 उठो जागो और हुंकार भरो कि-जबतक दु:शासन दशानन जिन्दा??? तुम्हीं से जिन्दा है इंसानियत, इंसानी वजूद और इंसानी अस्मिता । फिर भी बेशर्म मर्दपरस्ती ओढे दरिन्दगी बार-बार ललकारती है तेरे वजूद, तेरी अस्मिता को। । इसलिए आइने में सौन्दर्य निहारने वाली बसुन्धरा की शक्तिस्वरूपाओं सुनों ! मत इतराओं आइने में अपना श्रृंगार देखकर, भूल जाओ सौन्दर्य प्रतियोगिताओं की नुमाईशी समीक्षा को, स्मरण करो अब शकुन्तला का तिरस्कार,द्रौपदी का चीरहरण और सीता की अग्नि परीक्षा को।  अब आइने में सदियों की अपनी  व्यथा वेदना आहों कराहों चीखो चित्कारो को ढूँढो । इतिहास में दर्ज अपने हिस्से के संघर्ष  बलिदान मूल्यों मर्यादाओ की बलिवेदी पर जौहरी प्रथाओं को ढूँढो । तेरी आँखों में सिर्फ झील तेरे गालों मे सिर्फ गुलाब ढूंढने वाले, तुझे तमाशाई नुमाईशी किसी दुकान किसी बाजार की सिर्फ कठपुतली बना सकते हैं।  फ़ितरतबाज ऐय्याश मर्दपस्ती तुम्हें सिर्फ सेज सजावट और श्रृंगार का सामान बना सकती हैं।  तेरे रूप लावण्य के कसीदे पढ़ने वाले तेरी हकीकत से तुम्हें गुमराह करते हैं, तेरे तन-बदन नयन-नक्श पर कविताएँ    लिखने वाले तुम्हें भटकने को मजबूर

उसके कत्ल पर मैं भी चुप था, मेरा नंबर अब आया मेरे कत्ल पर आप भी चुप हैं, अगला नंबर आपका है...

 उसके कत्ल पर मैं भी चुप था, मेरा नंबर अब आया मेरे कत्ल पर आप भी चुप हैं, अगला नंबर आपका है...        कभी कहीं बदायूं, कभी हाथरस ,कभी दिल्ली, कभी बिहार ,कभी कंही कोई दरिंदा या दरिदों का गैंग किसी बहन बेटी को नोचता है कभी कोई बाहुबली उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाता है और हम यह सोचकर चुप रहते है कि यह मेरे साथ थोड़े हुआ है । हम ही क्यों देश के बड़े बड़े सेलिब्रिटी चुप रहते हैं  । हम खबर पढ़ने के बाद आरोपी की जाति और धर्म सबसे पहले देखते है और अगर आरोपी  हमारे धर्म या जाति का हुआ तो चुप्पी मार लेते है।   यह बेहद सन्तोष की बात है कि देर से ही सही कई खेलों के शीर्षस्थ खिलाड़ी आज महिला खिलाड़ियों के पक्ष में खड़े दिखयी दे रहे है और उनके पक्ष में बोल रहे हैं वरना बहुत दिन नहीं हुआ जब दिल्ली के शाहीन बाग और गाजीपुर बोर्डर पर अलग अलग मुद्दों पर हजारों लोग धरने पर बैठे थे पर  मीडिया का दलाल तबका  और हमारा आपका  लिजलिजा  मिडिल क्लास यह खबर उड़ा रहा था कि उनको सीमा उस पार से बिरयानी बंट रही है और सेलिब्रेटी तबका चुप्पी साधे बैठा था ।   लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन कर अपनी बात और मुद्दे पर सरकारों का ध्यान आक

अवैध मुल्क की दास्ताँ

 अवैध मुल्क की दास्ताँ  वो एक अवैध मुल्क था।यहाँ किसी भी तरह का अवैध कार्य करना वैध समझा जाता था और लगभग सभी वैध माने जाने वाले कार्य अवैध समझे जाते थे।सरकारी नौकरियों में ऐसे लोगों की बहुतायत थी जिनके पास अवैध डिग्रियाँ थीं।दफ़्तरों में ज़्यादातर कर्मचारी ऐसे थे जो भर्ती के वैध तरीक़ों से नौकरी में नहीं आए बल्कि अवैध तरीक़े से किसी न किसी चोर दरवाज़े से घुसे थे और फिर वैसे ही 'नियमित' कर दिए गए जैसे महानगरों में पहले अवैध बस्तियाँ धीरे-धीरे बसाई जाती हैं और फिर वही बस्तियाँ एक दिन 'नियमित' कर दी जाती थीं। अवैध मुल्क पूरी तरह धार्मिक था जहाँ कोई गली,मुहल्ला,सड़क,नदी या पहाड़ पर कोई न कोई भगवान या अल्लाह अवैध रूप से क़ब्ज़ा किए बैठा था।ये दुनिया का अकेला मुल्क था जहाँ ज़मीन  को ख़रीदे बग़ैर बड़े-बड़े धार्मिक संस्थान खड़े थे।जिनकी ख़ज़ानों में अवैध रूप से जमा किए गए लाखों करोड़ रुपयों की संपत्ति इकट्ठा होती रहती थी।इस अवैध ख़ज़ाने को कुछ अधिकारी और पंडे अवैध रूप से इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र थे। ये मुल्क लोकतांत्रिक था जिसमें सरकारी आँकड़ों के अनुसार आधे से ज़्यादा लोग

समाजवादी पार्टी के नेता सन्तोष प्रताप सिंह सहतवार बलिया में बताया बाबू बीर कुवर सिंह जी हमारे पूर्वज है

 समाजवादी पार्टी के नेता सन्तोष प्रताप सिंह बाग़ी बलिया ने  दिया  श्रद्धांजलि कहा बाबू बीर कुवर सिंह जी के बलिदान से ही देश भर में आजादी की अलख जगी थी,  बाबू बीर कुवर सिंह जी हमारे पूर्वज है  बाबू वीर कुंवर सिंह की पुण्यतिथि पर: -------------------------------------- भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में जिस व्यक्ति  का नाम सर्वाधिक श्रद्धा और सम्मान के साथ लिया जाता है, वह बाबू वीर कुंवर सिंह का है। आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले इतिहास के शूरवीरों के बीच अक्सरहां उनकी तुलना चितौड़गढ़, राजस्थान के राणा, प्रताप सिंह, से की जाती है। दोनों ने आजादी को अपने प्राणों से बढ़कर माना। एक ने किसी भी सत्ता के सामने झुकने के बजाय घास की रोटी खाकर जीवन गुजारना बेहतर समझा  तो दूसरे ने अपनी अस्सी साल की उम्र की बिना परवाह किये  स्वतंत्रता संग्राम  के महासमर में अपने आप को झोंक दिया और बहादुरी, बलिदान, नेतृत्व एवं रणकौशल की  नयी मिसालें कायम किया। यह याद रखना जरूरी है कि कुंवर सिंह की नेतृत्वकारी ताकत का राज व्यक्तिगत जीवन में उनकी सदाशयता, दरियादिली, नेकनीयती और सभी जातियों और

परशुराम जयंती की शुभकामनायें कहा संतोष प्रताप सिंह लोक सभा बलिया के भावी उम्मीदवार ने

 परशुराम जयंती के अवसर पर नमन और  फुल अर्पित  करता हूँ  भगवान श्रीराम का सान्निध्य प्राप्त हो क्षत्रियों का आप कल्याण के लिए समर्पित रहे 

विरोधी दल को नुकसान पहुंचाते है सत्ता पक्ष लोगों -- पूर्व चेयरमैन केसरी नंदन त्रिपाठी

 *Location*- *Ballia* *Report*-S.Asif H.Zaidi. *(8808101134)* * विरोधी दल को नुकसान पहुंचाते है  सत्ता पक्ष लोगों -- पूर्व चेयरमैन केसरी नंदन त्रिपाठी * खबर बलिया से है क्या नगर पंचायत चितबड़ागांव के पूर्व अध्यक्ष केसरी नंदन त्रिपाठी ने अपना नामांकन निर्दलीय के रूप में किया। श्री त्रिपाठी से पिछले कार्यकाल के बारे में पूछा गया तो पूर्व चेयरमैन केसरी नंदन त्रिपाठी ने कहा कि चुकीं  हम बीएसपी से थे और प्रदेश में सरकार भाजपा की है  सत्ता के लोग विपक्ष पर आक्रमण करते हैं, और मुझे काफी परेशान किया गया यही कारण है कि विकास कार्यों की जो गति हम देना चाहते थे नहीं दे सके सत्ता के लोग मंत्री जी ने जनता का बहुत नुकसान किया है । और क्या कहा पूर्व चेयरमैन ने आइए सुनते हैं उन्हीं की जुबानी।  केसरी नंदन त्रिपाठी पूर्व चेयरमैन चितबड़ागांव.

संतोष प्रताप सिंह लोक सभा बलिया के भावी उम्मीदवार ने कहा ईद मुबारक बलिया के जनता को

 संतोष प्रताप सिंह लोक सभा बलिया के भावी उम्मीदवार ने कहा  ईद मुबारक बलिया के जनता को , जगह जगह पर उनके लिये सेवईया बनाया गया तथा सेवँई खाईं गई 

अग्निशमन सेवा सप्ताह का समापन।

 *Location- Ballia* *Report*-S.Asif.H. zaidi (8808101134) अग्निशमन सेवा सप्ताह का समापन। *बलिया:* हर साल की तरह इस साल भी लोगों में आग से बचाव और उसकी रोकथाम के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 14 अप्रैल 2023 से लेकर 20 अप्रैल 2023 के बीच आयोजित किए जाने वाले अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह का सफलतापूर्वक समापन किया गया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी (C.F.O) धीरेंद्र सिंह यादव ने बताया के अग्निशमन सेवा सप्ताह के दौरान जागरूकता रैली निकालकर, स्कूलों, कोचिंग सेंटर , में जाकर आग की रोकथाम और उसके बचाव के उपाय बताए गए। श्री यादव ने बताया कि इस दौरान जो भी सूचना आई उस सूचना पर तुरंत टर्न आउट  लेते हुए बताए गए स्थानों पर पहुंचकर  आग बुझाने कार्य हमारी ब्रिगेड के जवानों ने किया है, साथ ही साथ सुरक्षा संबंधी उपाय बताकर आग से बचाव के उपाय बताए गए। बैरिया ,लछुआ डीह बांसडीह, रसड़ा, सूचना के आधार पर पहुंचने कर आग बुझाने के बाद सुरक्षा के विषय उपाय बताए हैं। इसके साथ ही साथ लोगों से फसल कटने के बाद पराली  जलाने से रोकने लोगों से आग्रह किया कर बताया गया कि पराली न जलाएं। श्री यादव ने बताया कि पराली को सामान्य मांनकर ल

24 अप्रैल पंचायतीराज दिवस

 "24 अप्रैल पंचायतीराज दिवस " आत्म निर्भर ग्राम पंचायते ही आत्मनिर्भर भारत का आधार है - भारत एक कृषि प्रधान देश के साथ साथ ग्रामींण सभ्यता और संस्कृति वाला देश भी है। आज भी भारत में कुल आबादी का लगभग पैंसठ प्रतिशत हिस्सा गाँवों में गुजर बसर करता है। हमारे सहज सरल गाँव और गाँव के लोग भारत की समृद्धि के  आधार स्तम्भ है। वैदिक काल से लेकर अंग्रेजो के आगमन तक भारत के गाँव हमारी शासन व्यवस्था की मौलिक ईकाई रहे हैं। परन्तु अंग्रेजो ने अपनी साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं की प्रति- पूर्ति में  भारतीय गाँवों की मौलिकता और आत्मनिर्भरता को तहस-नहस कर दिया। इसलिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान गाँवो के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक उत्थान की आवाज प्रखरता से उठाई और इसके लिए सहृदय और सचेतन प्रयास भी किया। महात्मा गाँधी ने कहा था कि-"भारत का भविष्य गाँवो में बसता है "। गाँवो के उत्थान और विकास के प्रति महात्मा गाँधी की उत्सुकता और उत्कट इच्छा तथा उनके समर्पित भाव को देखते हुए हमारे संविधानविदो ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद चालीस में नीति निदेशक तत्व

पढाई, दवाई और कमाई के लिए पलायन हमारे नीति निर्माताओं की नाकामी का द्योतक---

 पढाई, दवाई और कमाई के लिए पलायन हमारे नीति निर्माताओं की नाकामी का द्योतक---   2020 बिहार विधानसभा के चुनाव में कविताई अंदाज में भाषण देते हुए सीमांचल की एक जनसभा में तेजस्वी यादव ने कहा था कि- बिहार के लोगों को पढ़ाई, कमाई और दवाई के लिए बाहर जाना पड़ता है। हम ऐसी नीतियां बनाएंगे जिसमें पढ़ाई ,कमाई और दवाई के लिए किसी भी बिहारी को बाहर नहीं जाना पड़ेगा । तेजस्वी यादव का यह वादा और भाषण बार-बार बार चुनावी मंचों से लगभग सभी दलों के मंच से उछाला जाता रहा हैं। दुर्भाग्य से यह वादा और नारा जनता को छलावा देने वाला  कोरा नारा बनकर रह जाता है और जमीन पर कभी भी खरा नहीं उतरता है।  परन्तु तेजस्वी यादव द्वारा वादे रूप में उठाया गया यह नारा बुनियादी और गम्भीर विषय बनकर बिहार और पूर्वांचल के बुद्धिजीवियों, राजनीतिक ,आर्थिक विश्लेषको और स्वाभिमानी चरित्र के राजनीतिज्ञों के लिए चिंतन-मनन और गहराई से आत्म-विश्लेषण करने का विषय जरूर बन गया है। पढाई, दवाई और कमाई के लिए पलायन यह दर्शाता है कि- शिक्षा, चिकित्सा और रोजी-रोटी जैसी बुनियादी समस्याओं पर हमारे नेताओं द्वारा गम्भीरता से विचार नहीं किया गया। 

संतोष प्रताप सिंह ने बलिया में अपने नौजवान साथियों के साथ ईद मनाया तथा सेवँई खाईं

 देश भर में ईद मोहब्बत का पैगाम देनै का काम करती है एक महीने के रोज़ा रखने के बाद ईद पुरे समाज में खुशियाँ लाती है  पुरे विश्व में ईद मोहब्बत का पैगाम देने का काम करती है,  ईद मुबारक ईद मुबारक से भारत देश का माहौल प्रेम और भाईचारे का उदाहरण पेश करती है । सलमान खान,  आरिफ खान , दिलसाद आदि हजारों की संख्या में नौजवानों ने ईद बलिया में अपने नौजवान साथियों और परिवार के लोगों के साथ मनाया जहाँ इरा प्रमुख संतोष प्रताप सिंह भी मौजूद रहे ।

पढाई, दवाई और कमाई के लिए पलायन करते हैं पुरबियाॅ माटी के लोग-

 पढाई, दवाई और कमाई के लिए पलायन करते हैं पुरबियाॅ माटी के लोग- विगत दिनों कविता पूर्ण शैली में भाषण देते हुए सीमांचल की एक जनसभा में तेजस्वी यादव ने कहा कि- बिहार के लोगों को पढ़ाई, कमाई और दवाई के लिए बाहर जाना पड़ता है । हम ऐसी नीतियां बनाएंगे जिसमें पढ़ाई कमाई और दवाई के लिए किसी भी बिहारी को बाहर नहीं जाना पड़ेगा । तेजस्वी यादव का यह वादा और भाषण हर बार की तरह चुनावी मंचों से उछाला गया जनता को छलावा देने का कोरा नारा होगा या  जमीन पर खरा उतरेगा, यह भविष्य में देखने का विषय है ।परन्तु वादे रूप में उठाया गया यह बुनियादी और गम्भीर विषय बिहार और पूर्वांचल के बुद्धिजीवियों, राजनीतिक ,आर्थिक विश्लेषको और स्वाभिमानी चरित्र के राजनीतिज्ञों के लिए चिंतन-मनन और गहराई से आत्म-विश्लेषण करने का विषय जरूर बन गया है। जब डार्विन अपने देश के लोगों को समझा रहा था कि- हम बन्दर की औलाद है उससे हजार साल पहले चाणक्य और चन्द्रगुप्त के बिहार में नालंदा,बोधगया, विक्रमशिला जैसी ज्ञान की एक दर्जन महान ध्वजपताकाऐ फहरा रही थी और जिसकी गूंज और गंध पूरी दुनिया में फैली हुई थी । इस देश के कोने-कोने से एवं दुनिया

धन-बल और बाहुबल का बढता प्रभाव और बौद्धिक वर्ग की संकुचित होती राजनीतिक भूमिका-

 धन-बल और बाहुबल का बढता प्रभाव और बौद्धिक वर्ग की संकुचित होती राजनीतिक भूमिका- विश्व में होने वाली विविध क्रांतिओं और समय-समय पर होने वाले सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन और सामाजिक सुधारों की सफलता में उस समाज के बौद्धिक वर्ग की अग्रणी भूमिका रही है। दुनिया में समय-समय पर होने वाले इन समस्त सामाजिक परिवर्तनों,सामाजिक सुधारों और सुप्रसिद्ध क्रांतिओ का कुशलता पूर्वक मार्गदर्शन बौद्धिक वर्ग (चिंतक, विचारक, दार्शनिक, साहित्यकार इत्यादि) द्वारा ही किया गया और बौद्धिक समुदाय द्वारा ही इन क्रातियों और विविध परिवर्तनो के लिए आवश्यक आधार-भूमि,पृष्ठभूमि और भावभूमि तैयार की गई और बौद्धिक समुदाय के विचारों के फलस्वरूप ही क्रांतिओ और परिवर्तनों के लिए अनुकूल परिस्थितियां निर्मित हुई। इसके साथ ही साथ इन समस्त सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनो,सामाजिक सुधारों और क्रांतिओ को मानसिक, मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक प्रेरणा भी बौद्धिक वर्ग के महान विचारों और संघर्षों से मिली। स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व के नारे के साथ लडी गयी फ्रांसीसी क्रांति के वैचारिक बौद्धिक और दार्शनिक प्रणेता जीन जैक्स रूसो,मांटेस्क्यू और वा

राजनीति में शिष्टाचार के शिखर पुरूष थे युवा तुर्क चन्द्रशेखर-

 राजनीति में शिष्टाचार के शिखर  पुरूष थे युवा तुर्क चन्द्रशेखर-  साहित्यकारों, क्रांतिकारियों और सच्चाई, ईमान और इरादों के लिए बगावत का तेवर रखने वाले अनगिनत  व्यक्तित्वों के लिए राष्ट्रीय फलक पर विख्यात बागी बलिया की धरती पर इब्राहीम पट्टी गाँव में एक साधारण किसान परिवार में पैदा हुए चंद्रशेखर ने अपने पुरुषार्थ, पराक्रम,और राजनीतिक कौशल से राजनीति में शून्य से शिखर तक का सफ़र तय किया। अपने सिद्धांतों, विचारों और ऊसूलो के लिए सत्ता के शीर्षस्थ चौखट से टकराने का साहस रखने वाले चन्दशेखर ने श्री रामधन, मोहन धारिया और कृष्णकांत  इत्यादि युवा नेताओं के साथ मिलकर अपनी ही सरकार के समक्ष राजाओं तथा नवाबों को मिलने वाले प्रीवीपर्स की समाप्ति एवं बैंकों के राष्ट्रीयकरण की मुखरता से माॅग किया। इस तरह के क्रांतिकारी बदलावो की माॅग करने के कारण चन्दशेखर और उनकी युवा मंडली को भारतीय राजनीति में युवा तुर्को के रूप में जाना जाता है। आधुनिक तुर्की के निर्माता अतातुर्क कमालपाशा ने भी तुर्की में प्रचलित खलीफा आधारित व्यवस्था को समाप्त कर तुर्की को आधुनिक बनाने के लिए अनेक क्रांतिकारी परिवर्तन किये। भारतीय

भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश

 भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां भारतीयों की समस्त शक्तियां इसी में निहित हैं।यह लोकतंत्र हमें खैरात में नही मिला है बल्कि इसके पीछे हमारे पूर्वजों की असीम कुर्बानियां हैं।पिछले  कुछ वर्षों में हमारे देश में ऐसी घटनाएं घटित हुई हैं जो लोकतंत्र को कमजोर करती हैं या यूं कहें तो पूर्वजों की असीम कुर्बानियों का उपहास उड़ाती हैं। जब सरकार और उसकी नीतियां जन विरोधी या राष्ट्र विरोधी हो जाएं तो हमारा संविधान हमें सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ बोलने,लिखने और शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार देता है।जब इन अधिकारों का दमन किया जाने लगे तो समझिए कि लोकतंत्र को कमज़ोर किया जा रहा और संविधान को रौंदा जा रहा है।इस संदर्भ में मैं आपको अतीत में ले जाते हुए CAA के खिलाफ प्रदर्शन और किसान आंदोलन आदि का याद दिलाना चाहूंगा जिसमें अपने ही राष्ट्र की मां बहनों पर लाठियां भांजी गईं और उनके चरित्र के संबंध में आपत्तिजनक टिपणी की गई।संविधान की क़सम लेने वाले मंत्री द्वारा एक समुदाय विशेष के लिए "देश के गद्दारों को गोली मारो....को" जैसा अमर्यादित नारा बोला गया।भारतीय किसानों को देशद्रोही,खालिस्तानी क

चन्द्रशेखर जयंती के अवसर पर विशेष रूप से उनके समाजवादी विचारधारा ही उनकी पहचान

आज चन्द्रशेखर का जन्म दिवस है।गौरव का दिन है। उनकी स्मृतियों का स्मरण करने और उनके कृतित्व को समझने का मौका है। युवा तुर्क अगर वे थे तो इस कारण कि उन्होंने असहमति में उठी आवाज़ की पहचान प्रयासपूर्वक प्राप्त की थी। उनकी सियासी यात्रा इसी बुनियाद पर विकसित होती गयी। चन्द्रशेखर इस मान्यता के रहे कि अतीत में संसद जनाकांक्षा को प्रतिबिंबित करने का मंच हुआ करती थी और सांसदगण सदन में और उसके केन्द्रीय कक्ष में भी, लोगों की न्यूनतम आवश्यकताओं पर केन्द्रित रहते थे। आज यह सब अतीत का अंग बनकर रह गया है। आज केवल भावुक मसलों पर ध्यान दिया जाता है जिनके जरिए लोगों की संवेदनाओं का दोहन किया जा सके। चन्द्रशेखर की चिन्ता वाजिब प्रतीत होती है। उनके मुताबिक मौजूदा सियासी दौर में संसद की मर्यादा गिरावट की ऊंचाई को स्पर्श करने को बेताब दिख रही है।                  समाजवादी विचारधारा के बावत प्रतिबद्ध चन्द्रशेखर वैज्ञानिक समाजवाद के प्रवर्तक मार्क्स पर संसद में बोलते हुए कहा कि मार्क्स ने सरकार नहीं बनायी थी, मार्क्स ने मानव भावनाओं की अभिव्यक्ति की थी, इन्सान के जज्बातों की बातें की थीं।जब -जब शोषण होगा, ग

बलिया में लाठी डंडे से पीटकर छात्र नेता की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर

 *बलिया में लाठी डंडे से पीटकर छात्र नेता की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर* बलिया जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सतीश चंद्र कालेज के बाहर दो छात्रों पर हमलावरों ने लाठी-डंडे से हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। दोनों छात्रों को गंभीरावस्था में जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उन्हें चिकित्सकों ने वाराणसी रेफर कर दिया। परिजन उन्हें मऊ ले गये, जहां एक छात्र की मौत हो गयी। मौत की सूचना मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। मां दुर्गावती देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक तीन भाइयों में से दूसरे नम्बर पर था। बड़ा भाई सचिन यादव व बलवंत यादव बलिया ही रहकर पढ़ाई करते हैं। पकड़ी थाना क्षेत्र के धरसरा गांव निवासी मनराज यादव भारतीय सेना में कार्यरत हैं। उनके दूसरे नम्बर का पुत्र हेमंत यादव (22)  टाऊन डिग्री कॉलेज में स्नातक तृतीय वर्ष का छात्र था। वह जनपद मुख्यालय के देवकली स्थित अपने निजी आवास में रहकर पढ़ाई कर रहा था। साथ ही छात्र संघ के लिए होने वाले चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए तैयारी भी कर रहा था। परिजनों की माने तो सोमवार को ही अपने घर धरसरा से बलिया गया हुआ था। मंगलवार की सुबह की पाली में वह

उत्तर प्रदेश में सभी क्षत्रिय संगठनों , युवाओं और क्षत्रियों को जोड़ कर दिखायेगें अपनी ताकत बोले संतोष प्रताप सिंह ने बलिया से

 उत्तर प्रदेश में सभी क्षत्रिय संगठनों , युवाओं और क्षत्रियों को जोड़ कर दिखायेगें अपनी ताकत बोले संतोष प्रताप सिंह ने बलिया से ।  बलिया के पकड़ी मे क्षत्रिय भारत महासभा के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए बलिया के क्षत्रिय सांसद श्री संतोष प्रताप सिंह ने बलिया में दिया अपना भाषण कहा क्षत्रिय समाज को मजबूत करने के लिये उत्तर प्रदेश के हर जिले  मे करेंगे अपना दौरा अब समय आ गया है जहाँ क्षत्रियो  को अपने अधिकारों को राजनीतिक दलों से छीन कर लेना पड़ेगा । जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण जय क्षत्रिय जय भवानी के नारे के साथ संतोष प्रताप सिंह ने बलिया में अपने भाषण को परिभाषित किया । 

समाजवादी पार्टी के नेता संन्तोष प्रताप सिंह है क्षत्रियों के नये राष्ट्रीय युवा नेता और समाजवादी चिंतक

 जैसा की देश जानता है भूतपूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर जी के मरने के बाद देश भर में एक और चन्द्रशेखर की तलाश थी क्यों कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर जी के विचारों वाला नेता उनके परिवार में कोई नहीं हुआ ऐसे में मीडिया को,  बलिया की जनता को,  देश की जनता को और क्षत्रियों को एक और चन्द्रशेखर की तलाश जल्द से जल्द करनी थी,   भूतपूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर जी के मरने के दस सालों के बाद बलिया की जनता को एक मजबूत लोकतंत्र का निर्माण करने के लिए चन्द्रशेखर मील चूका है जिसके आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के की तरह है लेकिन विचारधारा से एक सच्चा समाजवादी नाम है संतोष प्रताप सिंह जिसका जन्म बाग़ी बलिया   में  बाबू बीर कुवर सिंह जी के ननिहाल में यानी सहतवार श्री चैरन बाबा समाधि स्थल के भूमि बलिया में हुआ है  , कलकत्ता विश्वविद्यालय के छात्र राजनीति से पैदा हुए सयुंक्त किसान मोर्चा में सिपाही रहे संतोष प्रताप सिंह ।

बलिया में दिन दहाडे टीडी काॅलेज के छात्र नेता की हत्या ने योगी सरकार की कानून व्यवस्था का पोल खोल दिया है

 आज टीडी काॅलेज के छात्र नेता की दिन दहाडे हत्या ने योगी की सरकार की गिरती हुई कानून व्यवस्था का ये हाल दर्शाती है  पिछले चार अप्रेल को भी बलिया में दो भाईयों पर हमले के बाद एक की मौत हो गई थी, पिछले महीने में  रसडा में भी कुछ इस तरह की घटना हुई थी  बलिया जिले में हर हिस्से में कोई न कोई बारदात जरूर हो रहीं हैं,  बलिया की जनता ने योगी की सरकार से बलिया के कप्तान को हटाने की मांग की है 

अखिल भारतीय पंचायत परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री बनी स्मृती सिंह

 *Location* Ballia *Report-* S.Asif H.zaidi.(8808101134) *अखिल भारतीय पंचायत परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री बनी स्मृती सिंह*। बलिया। नवगठित नगरपंचायत रतसर कला की निवर्तमान ग्राम प्रधान स्मृति सिंह को पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्य करने वाली स्वायत्तशासी संस्था अखिल भारतीय पंचायत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री पद पर मनोनीत किया गया है। संस्था के राष्ट्रीय मुख्य महामंत्री एसएस विजय मिश्रा ने पत्र तथा टेलिफोन के माध्यम से उन्हें यह जानकारी देते हुए पूर्वोत्तर भारत का प्रभार सौपा है। देश भर के पंचायतों के हितों के लिये 1958 से कार्यरत अखिल भारतीय पंचायत परिषद के प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष गुजरात के पुर्व मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता तथा भारत रत्न जयप्रकाश नारायण, गुलजारीलाल नन्दा, लाल बहादुर शास्त्री आदि इसके संस्थापक सदस्य रह चुके हैं। मूलतः बलिया के गड़वार ब्लाक के रतसर कला ग्राम पंचायत जो अब नगरपंचायत बन चुकी है की निवर्तमान ग्राम प्रधान स्मृति सिंह के पिता स्व. अखण्डानन्द सिंह गड़वार ब्लाक के वर्षों तक ब्लाक प्रमुख तथा बाबा स्व. सहजानंद सिंह डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन रह